Friday, October 19, 2007

मूर्ख क्यों पच्छताए P

मूर्ख क्यों पच्छ्ताए ,
कल जो गया हाथ न आए !
लगा हिसाब क्या खोया क्या पाया ,
तूने कितना पुन्य और कितना पाप कमाया !
कल जब आएगा आज बन कर आएगा ,
और अगर अंहकार, लोभ ,मोह ,नही भगाया !
पुन्य का खाता तेरा घटता जाएगा ,
यम् खडा है तेरे द्वारे ,
और तुझ को पकड़ ले जाएगा !
इस लिय प्यारे अपना आज सम्हाल ,
जी आज में और फिर देख कमाल !

कहे मदन गोपाल तेरा कल सुधर जाएगा
२-२-२००६

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मां पार्वती P

मेरी माँ पार्वती कितनी अच्छी है ,
दुखियों के दूर करती है !
हम को शक्ति देती है ,
मेरी माँ मुझ को लोरी दे कर सुलाती है !
कभी गुलगुली कर हँसाती है ,
तो कभी गलत बात पर डांटती है !
मेरे पास बैठ कर मुझे कहानियां सुनाती है ,
मुझे दूध पिलाती है और लड्डू खिलाती है !
कहे मदन गोपाल मेरी माँ बहुत अच्छी है !!
८-२-2006

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