Friday, November 16, 2007

मोत P

मोत पर नहीं जोर किसी का ,

कैसे आयगी कहाँ से आयगी ,

कब आयगी किस को आयगी ,

सब देखते रह जायँगी ,मोत ले कर चली जायगी !

छोटा हो बच्चा हो या हो बूढ़ा,

मोत के आगे सब हें बराबर
वह अपने टाइम पर आयगी
कर देगी हिसाब बराबर ,
बन्दा सो जायगा
और सब रह जायँगी दंग ,
पिंजरा रह जायगा
और पंछी उड़ जायगा
कहे मदन गोपाल रोना धोना
चालू होजायगा
और पिंजरे को लगा दी जायगी आग !

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