Sunday, January 2, 2011

] दर्शन



प्रभु जी में तो हूँ तुमरे ,
दर्शन का अभिलाशी,
दर्शन दे कर बुझा दो मेरी प्यास,
प्रभु जी मोरे करियो पूरन मेरी आस,
तुमरी रचना हे अपार ,
कोई नहीं पा सकता पार ,
सूरज को दिया प्रकाश ,
और चन्द्रमा को दी शीतलता ,
फूलों में भर दी खुशबु ,
कहे मदन गोपाल ,
भर दो मुझ में भी ज्ञान का भंडार!

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तेरे नाम का पीउ में प्याला

तेरे नाम का पीउ में प्याला


तेरे नाम का पीउ में प्याला,
हो न कभी यह खाली,
बस में पीता रहूँ पीता रहूँ ,
तेरे चरण हों और मेरा सिर ,
और मेरा हात ऐसा पकडो,
कि छूटे नहीं चरण का साथ ,
हे यह प्रर्थना मदन गोपाल की,
प्रभू दे दो नुझे अपने नाम का प्याल!

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हे भोले नाथ

] हे भोले नाथ


हे भोले नाथ कर दो वरषा प्रेम की,
ताकि में नहा सकूँ उस बारिश में ,
हे भोले नाथ कर दो वर्षा करुना की,
दुख कभी कह कर नहीं आता,
सुख भी कभी कह कर नहीं आता,
इसलिए दुख में दुखी न होऊँ ,
और सुख में खुश न होऊँ ,
हे य्ह प्रार्थना मदन गोपाल की
हे भोले नाथ कर दो वर्षा प्रेम की!

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सुन मेरे साई

सुन मेरे साई

सुन मेरे साई तुझ में हें ,
तीर्थ सारे,
जिस ने तुझ को दिल से पुकारा ,
उसको तूने दिया हे सहारा ,
मुझे जीवन का दे दान,
जिन्दा रहें मेरे प्राण,
प्यार की ज्योति मेरी बुझ्ने न पाए,
तूने पानी से दीप जलाए ,
मेरे साईं मेरे साईं ,
मेरी जिन्दगी बना दे,
मेरे अन्दर ज्योति जला दे,
तेरी शक्ति हे अपार ,
प्रार्थना मदन गोपाल की करो स्वीकार ,
ओ मेरे साईं ओ मेरे साईं !

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नटखट

] नटखट


नटखट
ओ बांके बिहारी नटखट छेला ,
तो को ढूढ रही बृनदाबन में ,
बृज बाला !
ओ बांके बिहारी ……
तूने ऐसी बजाइ बांसुरी ,
सुध बुध खो बैटी बृजबाला !
ओ बांके …………।
आजा आजा मेरे कनहिया,
तुझ को ढूढू कहां जरा बतलादे,
मत कर अठखेलियां !
ओ बाकें बिहारी……॥
मेरे नदलाला तेरी लूं में बलईयां,
कहे मदन गोपाल दे दे दर्शन ,
भर दे मेरे मन में खुशियां !

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गणपति वनदना

भोले बाबा P

बा


मेरा शंकर भोला हे
मेरा शंकर भोला हे
अरे एसा हे व्ह भोला
उसको नही चाहिये ईत्र
उसको तो चाहिए बैल पत्र
वह तो दुखियों के दुख दूर करता हे
सिर्फ ऐक लोटा जल से खुश होता हे
वह तो मस्त धतूरे से रहता हे
और खुश होकर जो मांगो वह देता हे
खुश होकर देदिया वरदान भसमासुर को
हो जाएगा भस्म छुएगा जिस के सिर को
वह पड गया भोले बाबा के ही पीछे
करने को भस्म
विशनु जी ने मोहनी बन कर
बचाया भोलेनाथ को
कहे मदन गोपाल भइ
कर लो खुश तुम भी भोलेनाथ को

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प्रभुजी




तेरी माया हे निराली , प्रभु तेरी माया हे निराली ,
तू ही तो हे सारे जग का रखवाली,
मेरे प्रभु तेरी मया------
किस को देवे ,किस से लेवे यह न जाने कोई ,
तेरी कृपाओं पर तो जीता हे सब कोई,
प्रभु तेरी माया-----------
तूने धर्ती माता एसी बनाई,
जो जितनी महनत करता हे,
सब कुच्छ इस से पाता हे वही,
प्रभु तेरी मया-------
तुने सब को सब कुच्छ दिया,
पर इसतमाल करने कि विधि न बताई,
कहे मदन गोपाल,
प्रभु तेरी मया हे निराली !

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स्वार्थ



तुझे प्रभु से प्यार हो गया हे,
मगर देख यह कैसा प्यार हे ,
क्या स्वार्थ भरा प्यार हे ,
अगर प्यार में स्वार्थ हे ,
तो यह सच्चा प्यार नहीं हे,
अपना त्याग दे स्वार्थ ,
फिर देख प्रभु
आयेंगे देने तेरा साथ,
कर प्यार प्रभु से ,
बिना स्वार्थ मन से ,
कहे मदन गोपाल ,
प्यार वही हे जिसमें स्वार्थ नहीं हे !

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मेरी मैया



मेरी उमा मईया भोली हे
मेरी गौरी मईया भोली हे ,
वो तो भरती सब की झोली हे,
मेरी -------------
करलो भईया उसकी भक्ती
वो तो देगी तुम को शक्ती,
मईया ---------
वो तो शिव की हे पटरानी,
सब पर करती हे महरबानी,
जो जो कुछ मांगता उससे ,
वह देती हे सबको खुश होके,
उसने तो अपने मैल से ही,
कर दिए प्रकट गणपति ,
कहे मदन गोपाल ,
कर लो खुश तुम भी,
भईया कर जलदी ,
नहीं पता कब निकल जाए तेरी अर्थी !

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] कुछ सत्य

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बिना कढी को कढी कहें;
ठोस को तया कहें!
रीयल को नारीयल कहें,
और बिना कढाई किए ही कहें कढी!
घडा पानी के साथ देखा ,
मगर घडी बिना पानी के देखी!
टिरेन आती हे स्टेशन पर,
मगर कहते हें स्टेशन आया!
आदमी जाता हे कहते हें ,
यह रास्ता किधर जाता हे !
पान लाने को कहते हें ,
जापान ले आ क्या ला सकता हे !

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