Friday, June 24, 2016

Subject: guru mantra kaa chamatkaar

पूजनीय ऐवं आदरणीय गुरुजी के चरणों में कोटिकोटि प्रणाम  !
मेरे साथ जो चमतकार घटित हुए हें उनका में उल्लेख करना चाहता हूं  !
मेरी आयु ७४ वर्ष हे ,सिर्फ में और मेरी पतनी साथ साथ रहते हें  !
में सन २००० में बीमार हुआ था पीलिया हो गया था ! उस समय मेरा सोनियोग्राफी निकाला गया था ,जिस में मेरी ऍक किडनी छोटी बताई गई थी ! उस के बाद मैं ने ३-४ बार सोनियोग्राफी करवाई और हर बार छोटी बताई  ! में ने दिक्षा २४-१२-२००३ को ली थी में वी.जे.म का आजीवन सदस्य हूं और मेरा नम्बर १९६२१८ हे !
अभी पित्रमावस्या हके दिन मेरे पेत में दर्द हुआ था !
मुझ से सोनियोग्राफी निकालने को कहा ,सोनियोग्राफी निकालने के बाद पता लगा कि शायद ऍक किडनी काम नहीं कर रही हे !
में ने किडनी स्पेशलिसट को कनसल्ट किया उसने आईवीपी टेस्ट कराने को कहा ,सब लोग घर में बहुत डरे हुऍ थे !
में ने दोनो समय आरती लेते समय अपने पैट पर आरती के हाथ गुरु मंत्र पढते हुऍ घुमाता रहा और गुरुजी का ध्यान करता रहा,और जब आईवीपी टेस्ट करवाया तो दौनों किडनी ठीक निकलीं !
में समझ गया कि यह तो गुरु मंत्र और गुरुजी का चमतकार है !
दूसरा चमतकार ऐसा हो रहा हे कि जिस दिन से मैं ने दिक्षा ली हे उस के अगले दिन से जब मैं ने त्राटक किया उस दिन से अब तक गुरुजी फोटो में से निकल कर उसी के बराबर मैं और ऐक गुरुजी दीखते हें !आशा करता हूं गुरुवर आपकी मुझ पर सदा ऐसी ही कृपा और दया द्रिष्टी बनी रहेगी !
आपका सेवक
नमदन गोपाल गर्ग
२/१३,प्रेमज्योती ,रामबाग ,लेन नः ५
कल्याण (प् ४२१३०१
महाराष्ट्रा
दिनांक ३१-१२-२००६

फू न्०२५१-२२१३८९४